6-7 मई 2025 की रात भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया कि वह आतंक के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर—ये सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई का नाम नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जवाब था उस दर्द का, जो 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में हमने झेला। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें हरियाणा के वीर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शहीद हुए। उनके बलिदान की याद में इस ऑपरेशन को “सिंदूर” नाम दिया गया—एक ऐसा सिंदूर जो उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की मांग से मिट गया था, सिर्फ शादी के 6 दिन बाद।
ऑपरेशन का विवरण
भारत के थल, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर इस संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया। 7 मई को रात 1:30 बजे, ब्रह्मोस, SCALP और स्पाइस-2000 मिसाइलों की गूंज ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।
निशाने पर थे—बहावलपुर, मुरीदके, और मुजफ्फराबाद। लेकिन खास बात ये रही कि भारत ने किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नहीं छुआ। यही वजह है कि रक्षा मंत्रालय ने इसे “संतुलित और गैर-उत्तेजक” प्रतिक्रिया बताया।
इस कार्रवाई में 70 से ज्यादा आतंकियों का खात्मा हुआ और भारत की छवि वैश्विक स्तर पर और अधिक सशक्त हुई।
हरियाणा से संबंध
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सीमाओं पर हुई कार्रवाई नहीं थी, यह हरियाणा के दिल की आवाज भी थी। शहीद विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल, दोनों इसी राज्य से थे। हिमांशी का दर्द पूरे देश ने महसूस किया और उसी भावना ने इस ऑपरेशन को एक नया नाम और नई प्रेरणा दी।
ऑपरेशन के तुरंत बाद हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था और भी चाक-चौबंद कर दी गई। चंडीगढ़ एयरपोर्ट और अन्य अहम जगहों पर हाई अलर्ट जारी किया गया। इसके साथ ही 7 मई को ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नाम से सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई। हरियाणा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश धनखड़ ने सेना के इस साहसिक कदम की खुले दिल से सराहना की।
HSSC परीक्षा के लिए महत्व
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े कई तथ्य HSSC CET और अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं:
- ऑपरेशन का नाम और इसका कारण
- शहीद विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी का हरियाणा से संबंध
- मॉक ड्रिल “ऑपरेशन अभ्यास” और हाई अलर्ट
- ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई मिसाइलें
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएं जैसे ओम प्रकाश धनखड़ का बयान
यह विषय सिर्फ सामान्य ज्ञान नहीं, बल्कि देशभक्ति और समर्पण का भी उदाहरण है, जिसे समझना और याद रखना हरियाणा के हर युवा के लिए गर्व की बात होनी चाहिए।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा सैन्य अभियान था जिसने भारत की ताकत के साथ-साथ हरियाणा के जज़्बे और बलिदान को भी विश्व पटल पर रखा। यह घटना न सिर्फ सुरक्षा के नजरिए से अहम है, बल्कि HSSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
एक सैनिक सिर्फ सीमा पर ही नहीं लड़ता, उसका बलिदान पूरे समाज को झकझोर देता है। ऑपरेशन सिंदूर इसका जीता-जागता उदाहरण है।
Pardeep